।।मोहित दुबे ।।
लखनऊ : दिल्ली विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की निगाह अब देश के बेहद अहम राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में पैर पसारने पर है।
आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को करारी मात देते हुए 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की।
आप के एक वरिष्ठ नेता ने राजनीति में पार्टी की लंबी पारी की शुरुआत स्वीकार करते हुए आईएएनएस को बताया कि पार्टी की योजना अब उत्तर प्रदेश में भी पैर पसारने की है।
आप की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा, “जी हां, बिल्कुल। पार्टी नेतृत्व उत्तर प्रदेश में पांव जमाना चाहती है।”
माहेश्वरी हालांकि आगे यह भी कहते हैं कि इस बार सिर्फ उन्माद और लहर के बजाय पार्टी राज्य में अपने जमीनी काम के बल पर विस्तार करेगी।
उन्होंने कहा, “इस बार हमने लेकिन अपने मुद्दों को जरूरत से अधिक खींचने से सबक लिया है। अब पार्टी का विस्तार सुव्यवस्थित तरीके से होगा।”
सूचना प्रौद्योगिकी उद्यमी माहेश्वरी ने कहा कि दिल्ली में जीत हासिल होने के बाद पार्टी की वेबसाइट पर जैसे हमारे समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।
दिल्ली की जीत के बाद उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में युवा और यहां तक कि अनेक वरिष्ठ नागरिकों ने भी पार्टी से राज्य में प्रवेश करने का आग्रह किया है।
आप पार्टी की उत्तर प्रदेश में पहले से ही 72 जिला समितियां हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में पार्टी को मिली हार के बाद से वे पूरी तरह निष्क्रिय पड़ी हुई हैं।
पार्टी पूर्वाचल पर विशेष तौर पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। गौरतलब है कि पूर्वाचल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी और राज्य में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव का आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र भी आता है।
पार्टी की औपचारिक राज्य कमेटी की अनुपस्थिति में कामकाज देख रहे पार्टी के राज्य सचिवालय को नए सिरे से गठित किया जाएगा, ताकि राज्य के 12 लाख सदस्यों में फिर से जान फूंका जा सके।
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बताया, “हमारे पास पहले से ही फोन कॉल, एसएमएस और ईमेलों के अंबार लगे हुए हैं।”
पार्टी ने लखनऊ में तीन नए कार्यालय खोल दिए हैं और जल्द ही उनकी राज्य में कुल 110 कार्यालय खोलने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। उसमें भी रोचक तथ्य यह है कि जिस वाराणसी संसदीय क्षेत्र से केजरीवाल को मोदी के हाथों हार मिली, वहां से सर्वाधिक 23,000 नए सदस्य पार्टी से जुड़े हैं।
इसके बाद गाजियाबाद से 19,000 जबकि लखनऊ से 16,500 नए सदस्य बने हैं।
आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह पूर्वाचल के सुल्तानपुर जिले से ही आते हैं और उम्मीद की जा रही है कि राज्य में पार्टी को सक्रिय बनाने के उद्देश्य से वह जल्द ही राज्य नेतृत्व के साथ बैठक कर सकते हैं।