नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को यह आदेश दिया है कि वह तोड़े गए धार्मिक स्थलों का ब्योरा कोर्ट में पेश करे. 2002 के दंगे को लेकर चल रहे मुकदमे के तहत यह आदेश आया है. इससे पहले हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश दिया था कि दंगे के दौरान क्षतिग्रस्त हुए या तोड़े गए धार्मिक स्थलों को सरकार मुआवजा दे.
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुजरात सरकार को यह आदेश दिया है कि वह दंगे के दौरान क्षतिग्रस्त हुए या तोड़े गए धार्मिक स्थलों का ब्योरा कोर्ट में पेश करे.
इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार को करारा झटका देते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद साल 2002 में हुए दंगों के दौरान 500 से अधिक धार्मिक ढांचों को क्षतिग्रस्त किए जाने के लिए मुआवजे देने का आदेश दिया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता. सरकार की तरफ से भी ‘लापरवाही’ हुई है क्योंकि (इस तरह की निष्क्रियता और लापरवाही से) व्यापक पैमाने पर धार्मिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है.
कोर्ट के अनुसार सरकार इस तरह के स्थलों की मरम्मत और मुआवजे के लिए जिम्मेदार है. जब सरकार ने मकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को तबाह किए जाने के लिए मुआवजा दिया था तो उसे धार्मिक ढांचों के लिए भी मुआवजे का भुगतान करना चाहिए.