काबुल : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद असरफ गनी ने कहा कि तालिबान के साथ शांति वार्ता अफगानिस्तान आयोजित तथा अफगान के नेतृत्व में शुरू होनी चाहिए। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन से बुधवार को सामने आई। गनी ने राजनीतिक विशेषज्ञों और शीर्षस्थ लोगों के साथ बैठक के दौरान कहा, “प्राथमिक शांति वार्ता में तीन मुख्य हिस्से होंगे- शुरुआती शांति वार्ता की प्रक्रिया को नियमित प्रक्रिया बनाना, भरोसा बहाली और शांति वार्ता के एजेंडे में महत्वपूर्ण मांगों की सूची तैयार करना।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह बयान ऐसे समय में आया है जब उप विदेश मंत्री हेकमत खलील करजई के नेतृत्व में अफगान सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुर्रे में तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार रात आमने-सामने बैठकर पहली बार वार्ता की है। मुर्रे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक एक पहाड़ी स्थल है।
हालांकि, तालिबान के तथाकथित प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने इस पर अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि अगर उन्हें सूचना मिली तो इसकी जानकारी वह मीडिया को देंगे।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि अफगान महिलाएं भी शांति वार्ता में शामिल होंगी और शांति प्रक्रिया में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राष्ट्रपति गिलानी और उनके पूर्ववर्ती हामिद करजई ने लगातार शांति वार्ता की पेशकश की है। हालांकि, आतंकवादी संगठन ने लगातार इससे इंकार किया है और कहा कि सारे विदेशी सैनिकों के वापस चले जाने तक कोई वार्ता नहीं हो सकती।