रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बृहस्पतिवार को स्थानीय कांके प्रखण्ड के अरसंडे में नवनिर्मित नारी निकेतन ‘‘स्नेहाश्रय’’ का औपचारिक उद्घाटन किया। झारखण्ड महिला विकास समिति इसका संचालन करती है जिसमें बेसहारा (पीडि़त / गुमशुदा), प्रताड़ना की शिकार और ट्रैफिकिंग से मुक्त कराई गई 30 बालिकाओं (किशोरियों और महिलाओं को भी) के अल्प अवधि के ठहरने की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में इस ट्रांजिट होम में ट्रैफिकिंग से मुक्त कराई गई पांच पीडि़ता रह रही हैं।
मौके पर श्री दास ने कहा कि राज्य सरकार खोए-भटके हुए बच्चों को उनके घरवालों से मिलाने और घरवालों का पता नहीं चलने की स्थिति में उनके सुरक्षित पालन-पोषण कर उन्हें हुनरमंद बनाना चाहती है। पलायन एवं ट्रैफिकिंग से बचाई गई बच्चियों को सरकार हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार से जोड़ेगी। लगभग 20 हजार पुनर्वासित बच्चे, बच्चियों और महिलाओं का कौशल विकास कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जाना है।
उद्धघाटन के बाद मुख्यमंत्री ट्रैफिकिंग से मुक्त कराई गई किशोरियों से मिले और उनका हाल-चाल पूछा। मौजूद अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि किशोरियों के घरवालों से सम्पर्क कर उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये। वहीं रांची के उपायुक्त से कहा कि नारी निकेतन के सम्पर्क पथ की मरम्मत जल्द करायी जाये। इस दौरान कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात-चीत के क्रम में श्री दास ने कहा कि राज्य के विकास में सभी का साथ जरूरी है। राज्य के विकास के संबंध में प्राप्त सकारात्मक सुझावों का स्वागत है। उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि नारी निकेतन की व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए। स्थानीय ग्रामीणों से कहा कि इस ट्रांजिट होम की व्यवस्था पर वे निगरानी रखें ताकि इसमें रहने वालों को कोई तकलीफ नहीं हो।
गौरतलब है कि नारी निकेतन में रह रही पीडि़ताओं की काउंसेलिंग कर परिवार के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित कराने सहित मेडिको-लीगल सहायता और किसी कौशल से जोड़ कर स्वावलम्बी बनाने का प्रयास किया जायेगा। महिला हेल्पलाईन और राज्य के सभी पुलिस थानों को इस बाबत सूचित किया गया है।
इस अवसर पर सांसद रामटहल चैधरी, विधायक डॉ जीतू चरण राम, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव मृदुला सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, रांची के उपायुक्त मनोज कुमार सहित काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।