
Washington : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के प्रवासियों के खिलाफ दिए कथित आपत्तिजनक बयान के बाद उत्पन्न विवाद को खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि वह नस्लवादी नहीं हैं. यह पूरा विवाद ट्रंप के अफ्रीकी देशों को ‘मलिन’ (शिटहोल) बताने के बाद खड़ा हुआ. ट्रंप ने कथित तौर पर अफ्रीकी देशों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल ऑवल कार्यालय में गुरुवार को आव्रजन में सुधारों को लेकर द्विदलीय समूह के छह सांसदों के साथ हुई एक बैठक में किया था. बैठक की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ने और अधिक हैती लोगों को अमेरिका में लाने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया.
मैं सबसे कम नस्लवादी व्यक्ति हूं : ट्रंप
फ्लोरिडा में सदन में सत्तापक्ष के नेता केविन मैक्कार्थी के साथ रात्रि भोज के लिये ‘ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स’ जाते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति ने पत्रकारों से कहा कि नहीं-नहीं मैं नस्लवादी नहीं हूं. जितने भी लोगों का आपने अभी तक साक्षात्कार किया होगा उनमें से मैं सबसे कम नस्लवादी व्यक्ति हूं. यह मैं आपकों बता सकता हूं.
राष्ट्रपति ने ‘‘मलिन’’ (शिटहोल) शब्द का ही इस्तेमाल किया था : डिक डर्बिन
सांसदों की बैठक में शामिल डेमाक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि क्या आपने देखा कि बैठक में मौजूद विभिन्न सांसदों ने मेरी टिप्पणीयों के बारे में क्या कहा? ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वास्तव में राष्ट्रपति ने ‘‘मलिन’’ (शिटहोल) शब्द का ही इस्तेमाल किया था. डर्बिन ने कहा कि उन्होंने ये घृणा से भरी बात कही थी और वह बार-बार ऐसा कहते हैं.
ट्रंप ने कठोर शब्द इस्तेमाल किये जाने की बात स्वीकार की
शुक्रवार को अफ्रीकी संघ ने भी इस रिपोर्ट पर ‘‘निराशा एवं गुस्सा जाहिर’’ करते हुए ट्रंप से बयान पर माफी मांगने की मांग की थी. कम से कम डेमोक्रेटिक पार्टी के चार सांसदों ने कहा कि वे कथित टिप्पणी के खिलाफ विरोध जाहिर करने के लिए राष्ट्रपति के स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन का बहिष्कार करेंगे. बहरहाल, रिपब्लिकन सीनेटरों ने आज की बैठक में शिरकत करते हुए ट्रंप के दोबारा उस शब्द का इस्तेमाल न करने का दावा किया. ट्रंप ने स्वयं उस शब्द का इस्तेमाल किए जाने की बात नकार दी लेकिन बैठक में ‘‘कठोर’’ भाषा का इस्तेमाल किये जाने की बात स्वीकार की.
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