Ranchi : रिम्स में कार्यरत जेनरल नर्स मिडवाइफरी (जीएनएम) और ग्रेड ए नर्स की मांग शासी परिषद की बैठक में नहीं मानी गयी. इसके विरोध में शुक्रवार को सभी नर्सों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. वहीं 10 फरवरी को कलमबंद और 11 फरवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया. जीएनएम और ग्रेड ए नर्सों का एक प्रतिनिधिमंडल रिम्स निदेशक से मिला और अपनी मांगों से अवगत कराकर ज्ञापन सौंपा.
जीएनएम नर्स एम्स के समतुल्य वेतनमान का लाभ, आश्रितों को अनुकंपा का लाभ, चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ और तकनीकी कर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 65 वर्ष करने की मांग कर रही हैं. आठ फरवरी को आयोजित 44वीं शासी परिषद की बैठक में इनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया. बैठक में सेवा नर्सों के रिक्त 226 पदों में 100 सीट पर जीएनएम और बीएससी नर्सों को आउटसोर्सिंग पर बहाल करने की मांग करने का फैसला लिया गया. ग्रेड ए नर्स वीणा कुमारी ने कहा कि सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन निदान अबतक नहीं हुआ है. हमलोग जूनियर नर्सों द्वारा की जा रही हड़ताल का समर्थन कर सकते हैं. इसे लेकर विचार किया जा रहा है. इनकी मांगों में रिम्स में वर्तमान में स्वीकृत सभी रिक्त पदों पर यथाशीघ्र बहाली की जाए, आईएनसी (Indian Nursing Council) मानक के अनुरूप परिचारिकाओं के लिए यथाशीघ्र पद सृजन किये जायें, उच्च न्यायालय के पारित न्यायादेश के आलोक में आठ अनुबंध नर्स को यथाशीघ्र नियुक्ति पत्र दिया जाए, वार्षिक वेतन वृद्धि जुलाई 2015 का बकाया, वार्षिक वेतन वृद्धि एवं उसके एरियर का भुगतान अविलंब किया जाए, नवनियुक्त परिचारिकाओं की 2 वर्ष की नियमित सेवा उपरांत सेवा संपुष्टि यथाशीघ्र की जाए आदि शामिल हैं.
जूनियर नर्सेस संघ की अध्यक्ष रामरेखा राय ने कहा कि हड़ताल पर जाना हमारी मजबूरी है. पिछले दिनों आयोजित शासी परीषद की बैठक में हमारी मांगों को नहीं माना गया. उन्होंने कहा कि एक माह पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सचिव, विभागीय मंत्री, मुख्यमंत्री और अवर सचिव को अवगत कराने के बाद भी मांगों पर विचार नहीं किया गया.
एम्स का वेतनमान रिम्स शासी परिषद के हाथों में नहीं: निदेशक
रिम्स निदेशक आरके श्रीवास्तव ने कहा कि एम्स का वेतनमान शासी परिषद के हाथों में नहीं है. नियमावली के तहत ऐसा उल्लेखित नहीं है. इसका प्रस्ताव बजटीय प्रावधान को सरकार को भेजा जायेगा. जब नियमावली संशोधन होगी, तभी एम्स की तर्ज पर वेतनमान दिया जा सकता है. वहीं हड़ताल से होने वाले प्रभाव पर उन्होंने कहा कि नार्सिंग स्टूडेंट्स और बाहर की नर्सों से काम चलाया जायेगा.