
Jamtara : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के छोटे व्यवसायियों को आगे बढ़ाने के लिए 2 अक्टूबर को दुमका में मुद्रा योजना लांच की थी. इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को कम औपचारिकताओं और बिना जमानत के 50 हजार से 10 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराना है. यहां लोन के लिए आने वाले जरूरतमंदों को निराशा हाथ लग रही है. उनसे अधिक से अधिक फॉर्मेलिटीज और गारंटी मांगी जा रही है. जिसे पूरा करना कईयों के बस की बात नहीं है. हद तो यह है कि अगर कोई आवेदनकर्ता बैंकों में जाकर कहता है कि अखबारों में लोन के लिए इतनी ज्यादा शर्तें नहीं बतायी गयी, जितनी आप बता रहे हैं तो बैंक वाले उन्हें यह कहकर लौटा दे रहे हैं कि अखबारों में लिखा है तो वहीं जाकर लोन मांगो. यही नहीं, कई आवेदनकर्ताओं को कोटा पूरा होने का हवाला देकर भी लौटाया जा रहा है.
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डीसी को मिल रही लोगों की शिकायत
बैंकों की मनमानी को लेकर जिले के उपायुक्त के पास सरकारी विभाग से लेकर आम लोगों की शिकायत लगातार आ रही है. यहां हर शिकायत बैंक द्वारा कोटा पूरा होने की बात कहकर बैरंग लौटाने की है. कई लोग तो खुद आकर अपनी परेशानी बता रहे हैं. यहा तक कि स्वंय सहायता समूह को भी बैंक लोन देने से कतरा रही है. जबकि जिले के हर बैठक में बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि सुगम और सुलभ तरिके से लोन उपलब्ध करायें.
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क्या है मुद्रा योजना
वित्तमंत्री ने योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपये फंड और 3 हजार करोड़ क्रेडिट की घोषणा की है. छोटे व्यापार के लिए 50 हजार तक का शिशु मुद्रा लोन, मध्यम व्यापार के लिए 50 हजार से 5 लाख तक का वयस्क मुद्रा लोन और समृद्ध व्यापार के लिए 5 से 10 लाख तक का प्रौढ़ मुद्रा लोन देने का प्रावधान है. यह लोन तय ब्याज पर बगैर गारंटी दिया जाना है. छोटे व्यापार में फल, सब्जी, चाय, पापड़, अचार, पान ठेला, सैलून, दर्जी, बढ़ई, साइकिल जैसे कार्य के लिए लोन लिया जा सकता है. किशोर तरुण लोन में परिवहन संचालन, उद्योग, होटल, हस्तकरघा, कंप्यूटरीकृत व्यापार के लिए लोन ले सकते हैं. शिशु लोन में पहचान पत्र और फोटो, किशोर तरुण लोन में पहचान एवं पते का प्रमाण पत्र, सामान का कोटेशन देना होता है.
विज्ञापन में सिमट गयी योजना
योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार ने जगह-जगह होर्डिंग्स बैनर लगवाये. टीवी से लेकर सोशल मीडिया में भी जमकर प्रचार किया गया. इससे बेरोजगारों को उम्मीदें बढ़ीं. वे बैंक इस उम्मीद में जा रहे हैं कि उन्हें रोजगार शुरू करने या उसे बढ़ाने के लिए आसानी से लोन मिल जायेगा. लेकिन बैंकों से उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है.
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क्या कहते हैं एलडीएम
एलडीएम (लीड डिस्ट्रिक्ट मेनेजर) एसएस पाठक ने बताया कि मुद्रा लोन योजना में किसी प्रकार के कोटा का कोई प्रवधान नहीं है. कहा कि प्रधानमंत्री लोन योजना के लिए शाखाबार लक्ष्य विभिन्न बैंक के शाखा को दिया जाता है. लेकिन अभी तक उसका भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. अगर किसी बैंक के द्वारा ऐसा किया जाता है तो कर्रवाई की जायेगी.
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