
Ranchi: झारखंड विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. सदन की पहली पाली में विपक्ष ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और डीजीपी डीके पांडेय को पदमुक्त कराने की मांग को लेकर सदन नहीं चलने दिया गया. 2 बजे के बाद जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से ने हंगामा शुरू कर दिया. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होते ही विपक्ष ने जय-जय झारखंड का नारा लगाना शुरू कर दिया. हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को जारी रखने की कोशिश की. इसपर हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रोसिडिंग बंद है फिर भी नोटिंग हो रही है. सदन के अंदर संख्या बल का दुरुपयोग हो रहा है. हेमंत ने कहा कि हम नीचे ही बैठ जाते हैं. इसके बाद झामुमो के विधायक वेल में आकर बैठ गये और नारेबाजी करते रहे.
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सजल चक्रवर्ती और अशोक चौधरी को हेमंत ने क्यों बनाया सीएस
इसी बीच सरकार की तरफ से एनडीए विधायक दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने कहा कि झारखंड को कांग्रेस ने बर्बाद किया है. विपक्ष को सीएस और डीजीपी पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. किशोर ने कहा कि चारा घोटाला मामले में दोषी सजल चक्रवर्ती को हेमंत सरकार ने कैसे मुख्य सचिव बनाया था, अशोक चौधरी भी चार्जशीटेड थे उन्हें भी हेमंत सरकार ने सीएस बनाया था. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर कोई आरोप नहीं है.
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पहली पाली में भी हंगामा
इससे पहले पहली पारी में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और डीजीपी डीके पांडेय को पदमुक्त कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया. करीब 12 बजे विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने सदन को भोजन अवकाश यानि दो बजे तक के लिए निलंबित कर दिया.
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