
चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव के खिलाफ इससे जुड़े एक अन्य मामले में आज फैसला सुनाया जाना है. यह मामला कांड संख्या 68ए/96 का है. जिसमें चाईबासा ट्रेजरी से 37.62 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी. आज इसी पर फैसला सुनाया जाना है. मामले में सीबीआइ ने 76 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इनमें 15 लोगों की मौत हो चुकी है.
Ranchi: चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव के खिलाफ इससे जुड़े एक अन्य मामले में आज फैसला सुनाया जाना है. यह मामला कांड संख्या 68ए/96 का है. जिसमें चाईबासा ट्रेजरी से 37.62 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी. आज इसी पर फैसला सुनाया जाना है. मामले में सीबीआइ ने 76 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इनमें 15 लोगों की मौत हो चुकी है.
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मामले में 56 लोगों ने ट्रायल फेस किया
दो ने अपराध स्वीकार कर लिया
तीन अभियुक्त सरकारी गवाह बन गये
ट्रायल फेस करनेवालों में
छह राजनेताः लालू, जगन्नाथ मिश्रा, आरके राणा, विद्यासागर निषाद, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत हैं.
तीन आइएएस अधिकारीः महेश प्रसाद, फूलचंद सिंह और सजल चक्रवर्ती हैं.
पशुपालन व ट्रेजरी के सात अधिकारी व 40 सप्लायर शामिल हैं.
इससे पहले चारा घोटाला के आरसी 47 ए/96 मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सीबीआई की विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में मंगलवार को पेश हुए. इस मामले में पूर्व सांसद डा आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा, महेश प्रसाद, फूलचंद्र सिंह, बेक जूलियस, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुनील प्रसाद सिन्हा, सुशील प्रसाद सिन्हा सहित 115 आरोपी पेश हुए. सीबीआई के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि पांच आरोपी बीएन शर्मा, जगन्नाथ मिश्रा, कामेश्वर सहाय, बुचून राय, सजल चक्रवती ने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. पांचों को अदालत ने 7 फरवरी को उपस्थित होने का आदेश दिया है.
नहीं आ सके कई आरोपी
जगन्नाथ मिश्र की पत्नी के देहांत होने के कारण, सजल चक्रवर्ती बीमार होने के कारण, बीएन शर्मा और दो आरोपी बीमार होने के कारण नहीं आ सके. मामले में सीबीआई की ओर से जिला पशुपालन पदाधिकारी अरुण कुमार सिन्हा की गवाही दर्ज की गयी. वह 1990-95 के बीच प्रखंड पदाधिकारी बोकारो के चैनपुर में पदस्थापित थे. तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी कामेश्वर सहाय एवं चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी प्रभात कुमार सिन्हा ने उन्हें बुलाकर प्राप्ति रशीद पर हस्ताक्षर कराया. अरुण कुमार ने अदालत से कहा कि उपर के अधिकारियों का आदेश था. प्राप्ति रशीद में 15 क्विंटल पीली मकई और 10 हजार क्विंटल बदाम खली का जिक्र है. यह खाद्यान्न कभी प्राप्त नहीं हुआ. ना ही प्रखंड में मुक्त वितरण का कोई प्रावधान था. साथ ही अरुण ने पूर्व में दिये गये बयान को सत्यापित किया.
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