गिरिडीह : झारखण्ड ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को गिरिडीह से धनबाद ले जाने के मामले का विरोध विभिन्न राजनितिक दलों द्वारा किया जा रहा है। राजनीतिक दलों के इस आंदोलन को बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है। इस मामले के विरोध में ज्वाइंट फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियंस के बैनर तले झारखण्ड ग्रामीण बैंक में कार्यरत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आम सभा का आयोजन किया गया।
आम सभा के दौरान ग्रामीण बैंक के विभिन्न शाखाओं के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक स्वर में झारखण्ड ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को गिरिडीह से हटाने का विरोध किया। बताया गया कि वर्ष 1984 में गिरिडीह क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना की गई थी। जिसका तत्कालीन प्रधान कार्यालय मकतपुर में था। बताया गया कि गिरिडीह के ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण बैंक की कई शाखाएं संचालित थीं। जिसका विस्तार बाद के वर्षों में धनबाद और बोकारो तक किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2006 में गिरिडीह, हजारीबाग, रांची और सिंहभूम जिले के ग्रामीण बैंक को मिलाकर झारखण्ड ग्रामीण बैंक का गठन किया गया और भारत सरकार द्वारा बैंक के प्रधान कार्यालय को गिरिडीह में ही बनाये जाने के निर्देश दिये गए थे।
बताया गया कि वर्तमान समय में जिले के विभिन्न प्रखण्डों के सुदूरवर्ती इलाकों में बैंक की कुल 19 शाखाएं संचालित हैं। सभी शाखाओं से बैंक को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है। परन्तु बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को गिरिडीह से धनबाद ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका विरोध सत्तारूढ़ भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दल, पेंशनर्स एसोसिएशन व आम जनता कर रही है।
आम सभा के दौरान अधिकारी संघ के प्रतिनिधि जेडी झा, एस एन सिंह, अशोक कुमार गुप्ता, भरत भूषण प्रसाद, कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि अशोक कुमार चौरसिया, जकी अहमद खान, सहित केंद्रीय समिति के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।