गुमला : भाजपा, झामुमो, कांग्रेस प्रत्याशी के प्राप्त मतों के आंकड़े पर अल्पसंख्यकों के वोट प्रतिशत में सेंधमारी और भीतरघात कहां तक हुआ है, इसकी माथा पच्ची में भाजपा व झामुमो प्रत्याशी लगे हुए हैं। इसी आधार पर उन्होंने दावा भी ठोंकना शुरू कर दिया है। गुमला विधान सभा सीट को लें तो कुल 14 प्रत्याशियों में से तीन के बीच कड़ी टक्कर बतायी जा रही है।

2009 में भाजपा की जीत हुई थी उस विजय को बकरार रखने के लिए सीटिंग विधायक कमलेश उरांव की जगह शिवशंकर उरांव प्रत्याशी बन अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
चैनपुर डुमरी क्षेत्र के भी प्रत्याशी बतौर अमीत एक्का, विनोद किस्पोट्टा, सुनिल केरकेट्टा, सुशीला मिंज आदि ने कितना मत प्राप्त करने में सफलता पायी है इसके लिये गणना के दिन ही तस्वीर साफ होगी। यही हाल विशुनपुर सीट के प्रत्याशी भाजपा के समीर उरांव व झामुमो प्रत्याशी चमरा लिण्डा पर बैठता है कि कांगेस प्रत्याशी बाॅबी भगत भाकपा माले अमोन लकड़ा व निर्दलीय प्रत्याशी अशोक उरांव सहित अन्य ने कहा तक सफलता पायी है।