नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में लगातार भारी बारिश के कारण सभी नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद दक्षिण हिस्से और सौराष्ट्र में 45 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। भारी बारिश से अमरेली जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बुधवार को 36 लोगों की मौत हो गई। अहमदाबाद में गुरुवार को मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मध्यम और भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया।
अहमदाबाद मौसम विज्ञान केंद्र ने आईएएनएस को बताया, “दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे गुजरात में सक्रिय है। गुजरात और सौराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून सक्रिय है।”
अधिकारी ने कहा, “गुजरात, सौराष्ट्र-कच्छ, दीव, दमन, दादर नागर हवेली में विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। अगले पांच दिनों तक मौसम में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।”
अधिकारी ने कहा, “इस समय बाढ़ की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।”
ऑल इंडिया रेडियो के मुताबिक, अमरेली जिले में बगासरा कस्बे के नैनी वाभनिया गांव में 13 लोगों की मौत हो गई और दो मकान तबाह हो गए।
बाढ़ की चपेट में आकर भवनागर जिले में तीन लोग, राजकोट जिले के गौंडाल में दो लोग और सूरत जिले में तीन लोगों की मौत हो गई।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और लोगों से आग्रह किया कि हालात से न घबराएं।
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों और वायु सेना के अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ भी बैठक कर स्थिति पर चर्चा की।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) एवं वायुसेना को अमरेली जिले में बचाव एवं राहत कार्यो में लगाया गया है।
राज्य आरक्षित पुलिस (एसआरपी) की अतिरिक्त टुकड़ियों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। अमरेली से 100 लोगों को और सूरत से एक हजार लोगों को हेलीकॉप्टरों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।