
Garhwa: गढ़वा जिले में शनिवार की देर रात एक सड़क निर्माण कंपनी के कैंप में हथियारबंद अपराधियों ने जमकर उत्पात मचाया. इस क्रम में चार वाहनों को जलाकर नष्ट कर दिया गया. वहीं कई वाहनों में तोड़फोड़ कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. करीब आधे घंटे तक हिंसक वारदात करने के बाद चेतावनी देकर सारे अपराधी मौके से फरार हुए.
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धुरकी थाना क्षेत्र में हुई घटना
जिले के धुरकी थाना क्षेत्र के घघरी में घटना हुई है. हथियारबंद कथित नक्सलियों ने सड़क निर्माण करा रही कंपनी वीआरएस के घघरी गांव में स्थित कैप कार्यालय पर धावा बोला और कई वाहनों को फूंक दिया. कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना मध्यरात्रि की है. कंपनी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से बीरबल होते हुए गढ़वा के धुरकी तक सड़क निर्माण करा रही है.
नकाबपोश थे हथियारबंद
जानकारी के अनुसार मध्यरात्रि अचानक लगभग आधा दर्जन हथियारबंद नकाबपोश कथित नक्सली वीआरएस कंपनी के घघरी स्थित कैंप कार्यालय पर आ धमके. उस समय कैंप में कंपनी के कर्मी सो रहे थे. एक चालक को पकड़कर पीटते हुए उसे लेकर कैंप ऑफिस पहुंचे. अपराधियों ने ऑफिस में सो रहे सभी कर्मियों को वहां से बाहर निकलकर एक जगह जमा किया और कैंप में रखे डीजल को वाहनों पर छिड़क कर आग लगा दी.
दो हाईवा, एक ग्रेटर और एक रोलर को किया आग के हवाले
इस घटना में अपराधियों ने दो हाईवा, एक ग्रेडर और एक रोलर को आग के हवाले कर दिया, जबकि दो जेसीबी मशीन को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. लगभग आधा घंटे तक उपद्रव किया. इसके बाद गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी देते हुए चलते बनें.
एक माह पूर्व इंजीनियर को किया था अगवा
यहां बताते चलें कि एक माह पूर्व गत 25 जून को नक्सलियों ने वीआरएस कंपनी के खुटिया स्थित कैंप ऑफिस से साईड इंजीनियर नागेंद्र सिंह को दिनदहाड़े अगवा कर लिया था तथा अपने साथ लेकर जंगल के रास्ते निकल लिये थे. जिसे चार घंटे बाद मुक्त किया था.
2% लेवी के लिए किया था इंजीनियर का अपहरण
कथित नक्सलियों ने दो प्रतिशत लेवी के लिये कंपनी के साईड इंजीनियर नागेंद्र सिंह का अगवा किया था. इसके पूर्व अपराधियों ने कई दफा मोबाईल पर लेवी के लिये धमकी दी थी.
भारतीय पब्लिक कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने वीआरएस कंपनी के साईड इंजीनियर नागेंद्र सिंह का अपहरण करने और बाद में मुक्त करने की जिम्मेवारी ली थी.
संगठन के स्वयंभू जोनल प्रभारी नितेश कुमार ने फोन पर इंजीनियर के अपहरण की जिम्मेदारी लेते हुये कहा था कि सड़क निर्माण करा रहे ठेकेदार के द्वारा लेवी नहीं देने, भूमि अधिग्रहण का मुआवजा अब तक नहीं दिये जाने, घटिया निर्माण करने एवं निर्माण कार्य को रोक के बावजूद कंपनी के द्वारा कार्य किये जाने के कारण इंजीनियर का अपहरण किया गया था.
नगर उंटारी के एसडीपीओ प्रमोद कुमार केसरी ने बताया कि हथियार बंद अपराधियों के द्वारा वाहनों को जलाये जाने की सूचना पर घटनास्थल का जायजा लिया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.