
Mumbai : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के एक फैसले पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. एयर इंडिया ने अपने 17 वरिष्ठ ए320 पायलटों के एक बैच को इस कोहरे वाले मौसम के बीच बोइंग कमांड पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण के लिए भेजा है. ये पायलट कम-दृश्यता परिचालन के लिए प्रशिक्षित हैं. एयर इंडिया के इस फैसले से कम-दृश्यता में परिचालन के लिए प्रशिक्षित पायलटों की कमी हो गई है. इन पायलटों को सर्दी के मौसम में उत्तरी मार्गों पर तैनात किया जाना आवश्यक है.
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खड़े हुए सवाल
विमानन कंपनी के एक सूत्र ने कहा कि ये पायलट सर्दियों में परिचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं जिस वजह से इनको प्रशिक्षण के लिए भेजने पर सवाल खड़े हो गए हैं. ग्राउंड पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद इन पायलटों को सिम्युलेटर प्रशिक्षण के लिए कम से कम पांच से छह महीने इंतजार करना होगा.
केंद्रीय मंत्री के दबाव पर प्रशिक्षण पर भेजे गए पायलट
सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जिन वरिष्ठ ए 320 कमांडरों को दो महीने के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है वे कैट-द्वितीय/तृतीय अर्हता प्राप्त पायलट हैं. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया इन पायलटों को भेजने के लिए इच्छुक नहीं था लेकिन जब एक केंद्रीय मंत्री (जिसका विमानन क्षेत्र से कोई संबंध नहीं था) की ओर से दबाव आया तो विमानन कंपनी को तैयार होना पड़ा. सूत्र ने आगे कहा कि इन 17 पायलटों में से एक केंद्रीय मंत्री का करीबी है और वह चाहता था कि मंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें.
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दो महीने के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया
उन्होंने कहा कि कैट तृतीय-बी अर्हता प्राप्त कमांडरों को सर्दी के मौसम में हैदराबाद के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान में दो महीने के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. तृतीय श्रेणी एक उन्नत नेविगेशन प्रणाली है जो विमान को कोहरे की परिस्थितियों में उतारने में समर्थ बनाता है.
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