
Newswing Desk: अपने बेतुके और विवादित बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम सुर्खियों में हैं. केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने सरकार के आधार कार्यक्रम पर सवाल खड़े करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोग हैं जो अमेरिका का वीजा पाने के लिए ‘श्वेत व्यक्ति के सामने निर्वस्त्र होने‘ के लिए तैयार होते हैं, लेकिन अपनी खुद की सरकार के साथ बुनियादी जानकारी साझा करने को लेकर ‘निजता‘ का रोना रोते हैं
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एक ओर डाटा लीक के जरिये निजता के हनन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. इनसबके बीच मोदी सरकार के मंत्री ने श्री अल्फोंस ने कहा कि अमेरिका का वीजा पाने के लिए आप दस पन्नों की सूचना देते हैं, इसमें वह जानकारी होते हैं जो आपने कभी पत्नी या पति को भी नहीं देते, लेकिन एक श्वेत व्यक्ति को दे देते हैं. हमें आपके वहां जाकर फिंगरप्रिंट्स एवं आंख की पुतली स्कैन कराने और श्वेत व्यक्ति के सामने पूरी तरह निर्वस्त्र होने में कोई दिक्कत नहीं है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी और संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि आधार के तहत जमा की गयी सूचना सुरक्षित है और दावा किया कि डेटा में सेंधमारी की खबरें गलत हैं.
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निजता में घुसपैठ नहीं: अल्फोंस
केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कोच्ची में आयोजित फ्यूचर ग्लोबल डिजिटल समिट में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस समारोह के दौरान उन्होंने विवादित बातें कहीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लेकिन जब भारत सरकार, जो की आपकी अपनी सरकार है, आपसे केवल आपका नाम एवं पता मांगती है तो देश में एक बड़ी क्रांति शुरू हो जाती है. यह कहा जाता है कि यह लोगों की निजता में घुसपैठ है. मेरा मतलब है कि हम किस हद तक जा सकते हैं? सर्वोच्च न्यायालय को फैसला करने दें.‘ अल्फोंस ने यह भी कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में भारत में किसी भी आधार उपभोक्ता का बॉयोमीट्रिक्स डाटा लीक नहीं हुआ है. भारत सरकार लोगों की जानकारियां सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है.
पहले भी दिया विवादित बयान
ये पहला वाक्या नहीं है जब केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने विवादित बयान दिया हो. गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर अल्फोंज कन्ननथनम ने कहा था कि जो लोग पेट्रोल डीजल खरीद रहे हैं वो गरीब नहीं है और ना ही वो भूखे मर रहे हैं. अल्फोंज ने कहा कि पेट्रोल खरीदने वाले कार और बाइक के मालिक हैं। उन्हें पेट्रोल डीजल पर ज्यादा टैक्स देना ही पड़ेगा.
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