
Ranchi : रिम्स में कार्यरत जेनरल नर्स मिडवाइफरी (जीएनएम) की 31 जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल फिलहाल टल गयी है. ज्ञात हो कि जीएनएम नर्स एम्स के समतुल्य वेतनमान का लाभ, आश्रितों को अनुकम्पा का लाभ, चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ और तकनीकी कर्मियों की सेवा निवृति की उम्र सीमा 65 वर्ष करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में थीं. 25 जनवरी को अपर स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में इस मसले पर बैठक बुलाई गयी थी. बैठक में सेवा सम्पुष्टि और नर्सों के रिक्त 226 पदों में 100 सीट पर जीएनएम और बीएससी नर्सों को आउटसोर्सिंग पर बहाल करने का फैसला लिये जाने के बाद फिलहाल हड़ताल टल गया है.
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क्या हैं ‘जूनियर नर्स एसोसिएशन’ की मांगें
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एम्स का वेतनमान : रिम्स में कार्यरत परिचारिकाओं (नर्स) एवं कर्मियों को एम्स की तर्ज पर वेतनमान उनकी नियुक्ति की तिथि से दिया जाए.
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चिकित्सकों के अनुरूप नवनियुक्त परिचारिकाओं (नर्स) की भी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष की जाए.
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मृत परिचारिकाओं के आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर यथाशीघ्र नियुक्ति हो.
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रिम्स में वर्तमान में स्वीकृत सभी रिक्त पदों पर यथाशीघ्र बहाली की जाए.
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आईएनसी (Indian Nursing Council) मानक के अनुरूप परिचारिकाओं के लिए यथाशीघ्र पद सृजन किये जायें.
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उच्च न्यायालय के पारित न्यायादेश के आलोक में आठ अनुबंध नर्स को यथाशीघ्र नियुक्ति पत्र दिया जाए.
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वार्षिक वेतन वृद्धि जुलाई 2015 का बकाया, वार्षिक वेतन वृद्धि एवं उसके एरियर का भुगतान अविलंब किया जाए.
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नवनियुक्त परिचारिकाओं की 2 वर्ष की नियमित सेवा उपरांत सेवा संपुष्टि यथाशीघ्र की जाए.
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हड़ताल समाधान नहीं, लेकिन हमारी मजबूरी : रामरेखा राय
जूनियर नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष रामरेखा राय ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान हड़ताल नहीं है. लेकिन रिम्स प्रबंधन के नर्सों के प्रति उदासीन रवैया के कारण हड़ताल पर जाना हमारी मजबूरी है. उन्होंने कहा कि रिम्स अस्पताल में 1500 बेड हैं. लेकिन नर्स की संख्या मात्र 450 है. ऐसे में तनावपूर्ण माहौल में काम करना हमारी मजबूरी बन गयी है. हमारी सभी मांगों में से दो मांगें मानी गयी हैं, लेकिन लिखित रूप से अभी तक नहीं मिला है. आठ फरवरी को शासी परिषद की बैठक में बचे हुए मांग नहीं मानी जाती है तो जूनियर नर्सेज एसोसिएशन हड़ताल पर जायेगी.
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