मुम्बई, 4 मार्च | पायलटों द्वारा बगैर वेतन काम नहीं करने की चेतावनी के बीच संकटग्रस्त विमानन कम्पनी किंगफिशर एयरलाइंस ने रविवार को अपना संचालन बंद करने सम्बंधी अफवाह को खारिज किया। कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल के गुरुवार को असंतुष्ट पायलटों से मिलने के बाद समाचार माध्यमों में कम्पनी के बंद होने की खबरें आईं थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अग्रवाल ने पायलटों से कहा था कि यदि वे सहयोग नहीं करेंगे, तो कम्पनी को अपना कारोबार समेटना पड़ सकता है।
खबरों का खंडन करते हुए विमानन कम्पनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल ने पायलटों के एक समूह से मुलाकात कर उन्हें उड़ान ड्यूटी से अनुपस्थित नहीं रहने का अनुरोध किया है और कहा कि ऐसा नहीं करने से उड़ान संचालन व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
प्रवक्ता ने विमानन कम्पनी द्वारा संचालन बंद करने की खबरों का खंडन करते हुए कहा, “ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि किंगफिशर अपना संचालन बंद कर सकती है। हमारी उड़ाने समय से संचालित की जा रही हैं।”
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि विमानन कम्पनी का लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलम्बित किया जा सकता है, क्योंकि कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने से सुरक्षा पर असर पड़ सकता है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय इसके संचालन को जोखिम भरा मानता है।


मंत्री ने कहा कि इन मुद्दों का समाधान हो जाने पर विमानों का संचालन फिर शुरू किया जा सकता है।


इस बीच सेवा कर विभाग ने किंगफिशर से सम्बंधित 40 बैंक खातों में लेन-देन पर रोक लगा दी। विभाग का किंगफिशर पर 40 करोड़ रुपये का बकाया है और विमानन कम्पनी 29 फरवरी तक बकाए का भुगतान करने में असफल रही।
प्रवक्ता ने कहा कि विमानन कम्पनी अपने जब्त बैंक खातों को खुलवाने के लिए कर विभाग से हर प्रकार का सहयोग कर रही है ताकि समय पर वेतन का भुगतान किया जा सके और उड़ानों का संचालन सामान्य किया जा सके।
पिछले कुछ सप्ताहों से किंगफिशर एयरलाइंस की उड़ान बुरी तरह से बाधित रही है। फिलहाल विमानन कम्पनी रोजाना 170 उड़ानों का संचालन कर रही है। (आईएएनएस)