– कांग्रेस कार्यालय गुमला की जमीन पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर टाना भगतों ने मोर्चा संभाला –
– जाड़े की रात काटते टाना भगतों को 90 कम्बल दिये गए –
।। 1932 से कांग्रेस कार्यालय रहने व देश की आजादी की लड़ाई इसी जमीन से लड़ी गई : टाना भगत ।।
गुमला : रविवार की शाम कांग्रेस पार्टी कार्यालय में उस वक्त करीब दो सौ की संख्या में टाना भगतों ने गेट का ताला तोड़ शंखनाद करते हुए पार्टी कार्यालय की जमीन पर झंडा गाड़ पूजा-अर्चणा शुरू कर दी, जब उन्हें मालूम हुआ कि 1932 से कांग्रेस पार्टी का कार्यालय संचालित होने वाली जमीन पर कब्जा की खातिर जमीन की घेराबन्दी कर पूनम सिंह दावेदार के रूप में सामने खड़ी हैं।
इससे पूर्व पूनम सिंह द्वारा अवैध कब्जा करने के मामले को लेकर कांग्रेस जिला कमिटी ने भी जिला प्रशासन के पास पूनम सिंह के विरूद्ध आपति दर्ज की।
टाना भगतों ने कहा है कि आजादी की लड़ाई में जहां से स्वतंत्नता की आवाज उठायी गयी थी उस जमीन से अवैध कब्जा जब तक हटाया नहीं जाता प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भगतों का आन्दोलन समाप्त नहीं किया जायेगा।
जमीन पर झंडा गाड़ने की खातिर टाना भगत गुमला, सिमडेगा, खूंटी, चाईबासा, डालटेनगंज, रांची से पहुंचे थे और कड़ाके की ठंड में भी करीब 200 महिला पुरूष टाना भगतों ने अस्थायी टेन्ट लगवा कर अपनी आवाज बुलंद की।
रविवार की शाम जब टाना भगता कांग्रेस पार्टी कार्यालय के गेट को खोल कर अन्दर पहुंचे तो इसका विरोध जमीन पर दावेदारी बता रही पूनम सिंह ने किया और गुमला पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर डी.एस.पी. कैलाश करमाली सी.ओ. सुनील चंद्र व थाना प्रभारी अनिल शर्मा भी वहां उपस्थित हुए और टाना भगतों को समझाया पर टाना भगत डटे रहे।
इस बाबत अंचलाधिकारी सुनील चन्द्र ने कहा कि दावेदारी कर रही पूनम सिंह और कांग्रेस की ओर से आवेदन प्राप्त हुए है। जांच चल रही है इसके बाद ही कुछ निर्णय होगा।
फिलहाल टाना भगतों ने उक्त जमीन को कांग्रेस की जमीन बता कर वही पर फैसले तक जमे रहने की बात कही।
टाना भगतों के आन्दोलन का नेतृत्वा मदन टाना भगत, जीता टाना भगत, दयाल समरजीत, पुसा बिरसु सुकरा व बिरसमुनी कर रहे है।