
Ranchi : यूजीसी गाईडलाइन के हिसाब से किसी भी कॉलेज में सभी विषयों में 75 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य होता है. पर क्या अगर एक विषय के लिए कुल विषय जिनका संचालन किया गया, वो मात्र दस हो या उससे भी कम हो तो क्या कहा जाएगा. ऐसी स्थिति में यदि कोई भी छात्र मात्र एक या दो कक्षा मिस कर दे तो क्या उस छात्र का पूरा एक साल बर्बाद हो जाना उचित है. इस सवाल पर किसी का भी जवाब ना ही होगा.
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लेकिन संत जेवियर्स कॉलेज के जियोलॉजी विभाग के अंतिम वर्ष के दो छात्रों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. अब नौबत साल बर्बाद होने की आ गयी है. दरअसल कुल सात क्लास हुए, मगर दोनों छात्र पांच ही क्लास अटेंड कर पाये और अब वे महज एक क्लास नहीं कर पाने के वजह से एक साल कुछ नहीं कर पाएंगे. उन्हें अब परीक्षा देने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ेगा.
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क्या है मामला
संत जेवियर्स कॉलेज के बीएससी के दो छात्रों को फाइनल परीक्षा देने से रोक दिया गया है. संबंधित विषय के प्रैक्टीकल के लिए कुल 7 कक्षायें आयोजित की गई थीं. इनमें से दोनों ने कुल 5 क्लास अटेंड किया तो कुल 71 प्रतिशत हुआ. अगर आठ कक्षायें हुई होतीं और दोनों 6 क्लास अटेंड कर लेते तो इन दोनों की अपस्थिति कुल 75 प्रतिशत हो जाती. ऐसे में जाहिर है कि मात्र एक क्लास के लिए दोनों छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा.
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हर साल करीब 10 प्रतिशत छात्रों का हो जाता है इयर लॉस
संत जेवियर्स कॉलेज एक ऐसा कॉलेज है, जहां हर साल करीब 10 प्रतिशत छात्रों का एक साल सिर्फ एक या दो क्लास नहीं करने की वजह से बर्बाद हो जाता है. साथ ही सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान अपना अटेंडेंस का मामला सुलझाने सभी स्टूडेंटस प्रिंसिपल कार्यालय और परीक्षा नियंत्रक के दरवाजे तक दौड़ लगाते दिखाई देते हैं. संत जेवियर्स कॉलेज रांची को नैक ने ए ग्रेड कॉलेज की श्रेणी में रखा है.
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