नई दिल्ली : आधार विधेयक में कुछ चिंता की बातें उजागर हुई है। बिल में इस बात का जिक्र नहीं है कि यदि व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई या किसी मकसद से सरकार ने ही इन जानकारियों का इस्तेमाल किया तो इसका क्या होगा?
साथ ही किसी नागरिक का डाटा लीक हो गया है ये जानकारी भी शायद ही उस व्यक्ति को समय पर मिल पाए। इसके अलावा इस बिल में इस बात का भी जिक्र नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति की निजी जानकारी लीक हो जाती है तो बतौर हर्जाना पीडि़त पक्ष को क्या दिया जाएगा।
क्या है सजा का प्रावधान
3 साल की सजा,10 लाख का जुर्मानायदि कोई आधार का डाटा लीक करता है तो दोषी को 3 वर्ष जेल और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर यूआईडी एजेंसी नियमों का उल्लंघन करती है तो उसको एक साल की जेल अथवा 10,000 या एक लाख (कंपनी के मामले में) का प्रावधान है।
ऐसे जानकारियां होंगी साझा
इस बिल के सेक्शन 33 के मुताबिक, सिर्फ दो परिस्थितियों में ही आधार कार्ड में दर्ज आपकी गोपनीय जानकारियां साझा की जा सकती हैं। पहली राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों में और दूसरा कोर्ट के निर्देश पर।
(साभार : पत्रिका)