राँची: झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा शाहिद अख्तर ने मंगलवार, 03.12.2013 मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की। बैठक में राज्य के माननीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी एवं प्रधान सचिव सुखदेव सिंह शामिल थे।
अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से 18 दिसम्बर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 1992 में विश्व में अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा हेतु 18 दिसम्बर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस घोषित किया गया है। केन्द्र सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों द्वारा इस दिवस को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। राज्य के अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने हेतु इस दिवस को राज्य में मनाये जाने की आवश्यकता है। राज्य के गठन को 13 वर्ष हो गये हैं परन्तु किसी भी सरकार ने इस दिशा में पहल नहीं की है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आशा है कि राज्य सरकार इस वर्ष इसकी शुरूआत करेगी एवं अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठायेगी।
अध्यक्ष ने अल्पसंख्यकों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु 10 सूत्री अनुशंसा पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा। अध्यक्ष ने अन्य राज्यों की तरह झारखण्ड राज्य में अल्पसंख्यक निदेशालय के गठन की मांग रखी। उन्होंने सरकार द्वारा नियुक्ति के लिये गठित समितियों में अल्पसंख्यक को प्रतिनिधित्व देने की मांग भी रखी। अल्पसंख्यक आयोग द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे गए मांगपत्र में शामिल मुद़दे:
01) अल्पसंख्यक मामलों के लिये झारखण्ड राज्य में अलग निदेशालय का गठन किया जाना चाहिए।
02) अल्पसंख्यकों से संबंधित सभी बोर्ड, निगम, कमिटि एवं आयोग का कार्यालय सामेकित रूप से एक हीं स्थान पर किया जाना चाहिए।
03) मनरेगा की तरह MSDP योजनाओं की मोनिरिटिंग करने हेतु स्वतंत्र रूप सेल का गठन किया जाना चाहिए।
04) राज्य में अल्पसंख्यकों के लिये गठित बोर्ड, निगम, समिति, आयोग, खासकर अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम को आवश्यक INFRASTRUCTURE उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
05) उर्दू ऐकाडमी, बंग्ला ऐकाडमी एवं मदरसा बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।
06) पुस्तक वितरण योजना में उर्दू भाषा की पुस्तकों की अत्यधिक कमी पार्इ जा रही है। इसकी कमी की दूर करने हेतु शिक्षा विभाग को आवश्यक निर्देश दिया जा सकता है।
07) केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिये संचालित छात्रवृति योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार एवं प्रखण्ड स्तर पर इसका आवेदन पत्र भी उपलब्ध कराया जाना चाहिये जिससे ग्रामीण एवं गरीब अल्पसंख्यक छात्र/छात्राऐं इस योजना का लाभ उठा सके।
08) सरकारी/गैर सरकारी नौकरियों के लिये गठित चयन समितियों में अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
09) झारखण्ड राज्य में अल्पसंख्यक केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोला जाना चाहिए।
10) बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग की तरह झाखण्ड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों को भी दैनिक भत्ते का भ्ाुगतान किया जाना चाहिये।