
New Delhi : भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को एक बयान जारी किया है. विदेश मंत्री ने लोकसभा में बताया कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र में मान्यता दिलाने और एक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार्य बनाने के लिये सरकार के प्रयास जारी हैं. लोकसभा में लक्ष्मण गिलुवा और रमा देवी के पूरक प्रश्न के उत्तर में सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करने के लिये प्रस्ताव को दो तिहाई बहुमत से पारित करने के साथ ही, सभी सदस्य देशों को इसपर होने वाले खर्च के लिये अंशदान करना होता है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र में 129 देशों का समर्थन जुटाना कठिन काम नहीं है. हमने योग दिवस को मान्यता दिलाने में 177 देशों का समर्थन जुटाया, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सदस्यता के संदर्भ में 183 देशों का समर्थन जुटाया.
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129 देशों का समर्थन प्राप्त और वे पैसा देने को भी हैं राजी




विदेश मंत्री ने कहा कि लेकिन आधिकारिक भाषा के संदर्भ में सदस्य देशों को वोट से समर्थन देने के साथ आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ता है. अगर इसका पूरा खर्च भी हमें देना पड़े तब हम इसके लिये तैयार हैं. सुषमा ने कहा कि हम मारिशस, सूरीनाम एवं अन्य गिरमिटिया बाहुल देशों के साथ सम्पर्क में हैं. सुषमा ने कहा कि 129 देशों का समर्थन मिल गया और वे पैसा देने को भी राजी हो गए हैं और तब अधिकारिक भाषा हमें मिल जायेगा.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी को स्वीकार करने और सम्पूर्ण विश्व में हिन्दी को प्रचारित करने के लिये सरकार लगातार उपाय कर रही है. कई अवसरों पर भारतीय नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में वक्तव्य दिये.
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