भुवनेश्वर, 7 जनवरी | सर्दी, खांसी के घरेलू उपचार में इस्तेमाल होने वाली तुलसी का इस्तेमाल परमाणु विकिरण की चपेट में आए लोगों के इलाज में भी किया जा सकता है। वैज्ञानिक इस दिशा में खोज कर रहे हैं और शुरुआती परिणाम उत्सावर्धक रहे हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने विकिरण प्रभावित लोगों के इलाज के लिए तुलसी से एक औषधि का विकास किया है। इस पर दूसरे चरण का प्रयोग चल रहा है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक तुलसी में ऑक्सीकरण रोधी गुण पाया जाता है, जिसका उपयोग विकिरण से क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में किया जा सकता है।
डीआरडीओ के मुख्य नियंत्रक (शोध एवं विकास) डब्ल्यू. सेल्वामूर्ति ने आईएएनएस से कहा, “वाणिज्यिक उत्पादन से पहले औषधि पर कुछ और प्रयोग होगा।”


वह यहां 99वें राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में बोल रहे थे।


परमाणु विकिरण से बचाने वाले औषधि के निर्माण में दो और पौधों का इस्तेमाल हो रहा है। वे हैं सी-बकथोर्न और पोडोफाइलम हेक्सांड्रम।
उन्होंने कहा कि दुनिया में तुलसी का इस कार्य में पहली बार प्रयोग हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे बनने वाली औषधि का इस्तेमाल मनुष्य और जानवर दोनों पर किया जा सकेगा। इस परियोजना पर सात करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने कहा, “अब तक विकिरण से बचाने वाली औषधियां जहरीली हुआ करती थीं, तुलसी से बनी औषधि अपेक्षाकृत सुरक्षित होगी।”
– ऋचा शर्मा
214822 656732Its fantastic as your other weblog posts : D, thanks for posting . 468407