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New Delhi, 13 November: देश के सबसे बड़े तीर्थ स्थल में शुमार होने वाले वैष्णो देवी में अब एक दिन में केवल 50 हजार लोग ही दर्शन कर पाएंगे. एनजीटी यानी हरित अधिकरण ने यह आदेश दिया है. एनजीटी ने कहा है कि यदि संख्या तय सीमा से अधिक होती है तो तीर्थयात्रियों को कटरा या अर्द्धकुमारी में रोक दिया जाएगा. वैष्णो देवी मंदिर में एक दिन में सिर्फ 50 हजार लोग ही दर्शन कर पाएंगे.
पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से हटाया जाएगा
हरित पैनल ने यह भी कहा कि वैष्णो देवी में पैदल चलने वालों और बैटरी से चलनेवाली कारों के लिए एक विशेष रास्ता 24 नवंबर से खुलेगा. यह निर्देश भी दिया कि मंदिर तक पहुंचने वाले इस नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को जाने की इजाजत नहीं होगी बल्कि इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से भी हटाया जाएगा.
अर्द्धकुमारी या कटरा में रोक दिया जाएगा तीर्थयात्रियों को
एनजीटी ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कटरा शहर में सड़कों और बस स्टॉप पर थूकने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माना (पर्यावरण मुआवजा) भी लगाया जाए. न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रियों की संख्या तय संख्या 50,000 से अधिक होगी तो उन्हें अर्द्धकुमारी या कटरा में रोक दिया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वैष्णोदेवी भवन की क्षमता 50,000 से अधिक नहीं है.
पशुओं से प्रदूषण और जन स्वास्थ्य को खतरा
यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई के वक्त आए हैं जिसमें याचिकाकर्ता एक कार्यकर्ता ने जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की थी. इस मुद्दे पर हरित पैनल ने सरकार से जवाब मांगा. याचिकाकर्ता ने तीर्थयात्रियों और सामान को कटरा से वैष्णो देवी मंदिर तक ले जाने के लिए घोड़ों, टट्टूओं, खच्चरों और गधों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण होने वाले प्रदूषण और जन स्वास्थ्य को खतरे पर चिंता जताई थी. साथ ही कहा था कि पैदल चलने वालों खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह खतरा है.
एनजीटी कार्यकर्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें कहा गया, ‘‘नया मार्ग 40 करोड़ रुपये की लागत से बना है और इसके 24 नवंबर तक खुलने की उम्मीद है. ’’