
Kolkata: लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद 2021 में होनेवाले विधानसभा चुनाव में अपनी सत्ता बचा कर रखने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नियुक्त किया था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद उनके साथ बैठक की थी जिसके बाद 2021 में पार्टी का जनाधार वापस लौटाने और राज्य में लोगों के बीच पैठ बनाने के लिए कई रणनीतियां बनायी गयी थीं.
अब 5 महीने बाद प्रशांत किशोर ने अपनी पहली रिपोर्ट दी है इसमें दावा किया गया है कि उत्तर बंगाल जहां लोकसभा चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस को लगभग सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था वहां विधानसभा में जीत दर्ज करने लायक माहौल बन गया है.
उल्लेखनीय है कि 23 मई को लोकसभा का चुनाव परिणाम आया था. इसमें पता चला था कि उत्तर बंगाल की 28 विधानसभा केंद्रों में से रायगंज, सिताई, सीतलकुची और चोपड़ा में तृणमूल कांग्रेस को लीड मिली थी.
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लौटा है तृणमूल का जनाधार
बाकी सभी 24 सीटों पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी आगे थी. इसकी वजह से तृणमूल को चिंता सताने लगी थी. अब प्रशांत किशोर ने जो रिपोर्ट दी है उसमें दावा किया है कि उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का जनाधार वापस लौट गया है.
गत 29 जुलाई को प्रशांत किशोर ने जनसंपर्क अभियान के लिए “दीदी के बोलो” कार्यक्रम की शुरुआत की थी. सबसे पहले विधायकों को विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों से बातचीत करने को कहा गया था.
उसके बाद पार्षदों और ब्लॉक स्तर पर तृणमूल नेताओं को घर-घर जाने को कहा गया. अब प्रशांत किशोर ने जो रिपोर्ट दी है उसमें बताया गया है कि अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में मौजूद 10 सीटों में से 6 पर तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन गया है.
अलीपुरद्वार और फलाकाटा में जहां पहले तृणमूल का कब्जा था वहां अब फिर से पार्टी के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है. अपनी रिपोर्ट में प्रशांत किशोर ने यह भी सलाह दी है कि जनसंपर्क अभियान को लेकर पार्टी के नेताओं को सचेत रहना होगा और लगातार जारी रखना होगा. तब कहीं जाकर लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई संभव हो सकेगी.
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