
Ranchi: झारखंड रिन्यूबल डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) की ओर से पिछले दो सालों से रूफटॉप ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट योजना चल रही है. योजना तहत रूफटॉप सॉलर पावर प्लांट छतों में लगाये जाने हैं.
योजना के लिये हर साल टेंडर जरेडा की ओर से निकाला जाता है, लेकिन आने वाले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 से यह कार्य झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) की ओर से टेंडर निकाला जायेगा. बताया जा रहा है कि रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के क्रियान्वयन में जरेडा को परेशानी हो रही है.
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जरेडा की ओर से इस पर कार्य किया जा रहा है. अनुशंसा जेबीवीएनएल को भेज दी गयी है. जरेडा की ओर से हर साल रूफटॉप सोलर प्लांट पर कार्य किया जाता है. लेकिन बिजली खपत की जानकारी नहीं होने के कारण इसमें परेशानी हो रही है.
क्यों किया जा रहा नियम में बदलाव
जरेडा से जानकारी मिली की योजना के लिये टारगेट दिये जाते है. लेकिन योजना पूरी करने और इस योजना के लिये जेबीवीएनएल से समन्वय बार-बार स्थापित करना कठिन है. इसलिये आने वाले साल से टेंडर जेबीवीएनएल की ओर से निकाला जायेगा.
घरेलू और व्यावसायिक भवनों में बिजली की खपत से लेकर सभी जानकारियां जेबीवीएनएल के पास होती है. ऐसे में जरेडा की ओर से निकाली जाने वाले टेंडर में बिना बिजली खपत की जानकारी के सोलर रूफटॉप लगा दिये जा रहे है.
जिससे बिजली बिल में लोगों को परेशानी होती है. वहीं खपत के अनुपात पर ही सोलर रूफटॉप लगाया जाता है. ऐसे में कितने किलोवॉट बिजली खपत होती है, इसकी सही जानकारी नहीं होने के कारण नियमों में बदलाव किया जा रहा है. फिलहाल इसकी प्रक्रिया चल रही है.
केंद्र और राज्य मिलाकर देती है 50 प्रतिशत सब्सिडी
योजना राज्य में पिछले दो साल से चल रही है. जिसके लिये लगभग लगभग 18 एजेंसियों का चयन किया गया है. लेकिन रूफटॉप लगाये जाने को लेकर हो रही परेशानी के कारण, क्रियान्वयन सही से नहीं हो पा रहा है. घरेलू सोलर रूफटॉप लगाये जाने पर जरेडा की ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. जो केंद्र और राज्य सरकार से मिली सब्सिडी का कुल है. घरेलू रूफ टॉप पांच किलोवाट तक के लगाये जा सकते हैं.
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