
Ranchi : डबल इंजन की बहुमत वाली सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा का जमकर निजीकरण किया है. बीते पांच सालों में सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को कम खर्च पर बेहतरीन शिक्षा देने के बजाय केवल निजी शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा दिया.
सरकार ने अपने कार्यकाल में 11 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को मान्यता दी, जबकि स्वतंत्र रूप से दो ही सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित किये.
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वर्ष 2018 में ही स्थापित किये पांच निजी विवि
गौरतलब है कि सरकार ने जिन निजी विश्वविद्यालयों को स्थापित किया है, उनमें एक विश्वविद्यालय स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का है.
पांच साल में जिन निजी विश्वविद्यालयों को स्थापित किया गया है, उसमें सरला-बिरला यूनिवर्सिटी, राधा गोविंद यूनिवर्सिटी, रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी, आइसेक्ट यूनिवर्सिटी, अर्काजैन यूनिवर्सिटी, अमेटी यूनिवर्सिटी, कैपिटल यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, प्रज्ञान यूनिवर्सिटी, रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन यूनिवर्सिटी व वाइबीएन यूनिवर्सिटी हैं.
इसमें से वर्ष 2016 में प्रज्ञान यूनिवर्सिटी, अमेटी यूनिवर्सिटी व आइसेक्ट यूनिवर्सिटी हजारीबाग को मान्यता दी गयी. वर्ष 2017 में सरला-बिरला यूनिवर्सिटी, अर्का जैन यूनिवर्सिटी व वाइबीएन यूनिवर्सिटी को मान्यता मिली.
वहीं वर्ष 2018 में रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, कैपिटल यूनिवर्सिटी, रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी व राधा गोविंद यूनिवर्सिटी को मान्यता दी गयी.
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स्वतंत्र रूप से बने दो ही सरकारी यूनिवर्सिटी
डबल इंजन की सरकार का उच्च शिक्षा में सरकारी विवि की स्थिति यह है कि पांच साल में दो ही सरकारी विवि बने जो स्वतंत्र रूप से स्थापित हुए. इसमें से रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी व झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी है.
इसके अलावा विनोबा भावे विवि से अलग कर विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी बनायी गयी जबकि रांची के सबसे पुराने कॉलेज रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि बनाया गया.
वर्ष 2016 में स्थापित देश का तीसरा और राज्य का पहला रक्षा शक्ति विवि बीते तीन साल से किराये के भवन में संचालित हो रहा है.
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