
Patna: नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देश के कई हिस्से में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. वहीं बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है. लेकिन पार्टी के इस कदम से जेडीयू के थिंक टैंक मानेजाने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर नाराज है.
इसे भी पढ़ेंःनागरिकता बिल विरोध: पूर्वोत्तर भारत में 16 संगठनों ने बुलाया 12 घंटे का बंद
लोकसभा में जेडीयू द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को निराशा जाहिर की.
धर्म के आधार पर भेदभाव वाला विधेयक- प्रशांत किशोर
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता.
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It’s incongruous with the party’s constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.”
इसे भी पढ़ेंः#JharkhandElection: तीसरे चरण के लिए आज थमेगा चुनावी भोंपू, 12 दिसंबर को 17 सीटों पर वोटिंग
गौरतलब है कि विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में भारी बहस के बाद देर रात सिटीजन एमेंडमेंट बिल पास हो गया है. लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े. जबकि विपक्ष में 80 वोट.
अब बुधवार को मोदी सरकार इसे राज्यसभा में पेश करेगी. लोकसभा में वोटिंग पैटर्न को देखते हुए मोदी सरकार की राज्यसभा में राह आसान मानी जा रही है. वहीं बिल के विरोध में असम में 16 संगठनों ने 12 घंटे का बंद बुलाया है.
इसे भी पढ़ेंःशाह बोले- पाक, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर मुस्लिमों को सम्मान प्रदान करेगा नागरिकता विधेयक